उकारान्तः पुल्लिङ्गः गुरुशब्दः (Preceptor) | |||
वचनम् → | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
विभक्तिः ↓ | |||
प्रथमा | गुरुः | गुरू | गुरवः |
संबोधनप्रथमा | हे गुरो | हे गुरू | हे गुरवः |
द्वितीया | गुरुम् | गुरू | गुरून् |
तृतीया | गुरुणा | गुरुभ्याम् | गुरुभिः |
चतुर्थी | गुरवे | गुरुभ्याम् | गुरुभ्यः |
पञ्चमी | गुरोः | गुरुभ्याम् | गुरुभ्यः |
षष्ठी | गुरोः | गुर्वोः | गुरूणाम् |
सप्तमी | गुरौ | गुर्वोः | गुरुषु |
एवम् भानु वायु विष्णु शम्भु इत्यादयः
उकारान्तः पुल्लिङ्गः क्रोष्टुशब्दः (Preceptor) | |||
वचनम् → | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
विभक्तिः ↓ | |||
प्रथमा | क्रोष्टा | क्रोष्टारौ | क्रोष्टारः |
संबोधनप्रथमा | हे क्रोष्टा | हे क्रोष्टारौ | हे क्रोष्टारः |
द्वितीया | क्रोष्टारम् | क्रोष्टारौ | क्रोष्टॄन् |
तृतीया | क्रोष्ट्रा, क्रोष्टुना | क्रोष्टुभ्याम् | क्रोष्टुभिः |
चतुर्थी | क्रोष्ट्रे, क्रोष्टवे | क्रोष्टुभ्याम् | क्रोष्टुभ्यः |
पञ्चमी | क्रोष्टुः, क्रोष्टोः | क्रोष्टुभ्याम् | क्रोष्टुभ्यः |
षष्ठी | क्रोष्टुः, क्रोष्टोः | क्रोष्ट्रोः, क्रोष्ट्वोः | क्रोष्टूनाम् |
सप्तमी | क्रोष्टरि, क्रोष्टौ | क्रोष्ट्रोः, क्रोष्ट्वोः | क्रोष्टुषु |