अद् भक्षणे
अस् भुवि
आस उपवेशने
इङ्
अध्ययने
इण् गतौ
चक्ष्
व्यक्तायां
वाचि
दुह् प्रपूरणे
ब्रू व्यक्तायां वाचि
या प्रापणे
रुदिर् अश्रुविमोचने
विद् ज्ञाने
शास्
अनुशिष्टौ
शी स्वप्ने
सू
प्राणिगर्भविमोचने
स्तु स्तुतौ
स्वप् शयने
हन् हिंसागत्योः
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शास्
अनुशिष्टौ (to teach, to govern, to
advise) परस्मैपदी
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लट्
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लङ्
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एकवचनः
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द्विवचनः
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बहुवचनः
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एकवचनः
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द्विवचनः
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बहुवचनः
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प्रथमपुरुषः
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शास्ति
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शिष्टः
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शासति
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अशात्
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अशिष्टाम्
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अशासुः
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मध्यमपुरुषः
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शास्सि
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शिष्ठः
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शिष्ठ
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अशाः,अशात्
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अशिष्टम्
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अशिष्ट
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उत्तमपुरुषः
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शास्मि
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शिश्वः
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शिष्मः
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अशासम्
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अशिष्व
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अशिष्म
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लृट्
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लोट्
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प्रथमपुरुषः
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शासिष्यति
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शासिष्यतः
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शासिष्यन्ति
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शास्तु,शिष्टात्
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शिष्टाम्
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शासतु
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मध्यमपुरुषः
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शासिष्यसि
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शासिष्यथः
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शासिष्यथ
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शाधि,शिष्टात्
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शिष्टम्
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शिष्ट
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उत्तमपुरुषः
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शासिष्यामि
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शासिष्यावः
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शासिष्यामः
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शासानि
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शासाव
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शासाम
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विधिलिङ्
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लिट्
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प्रथमपुरुषः
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शिष्यात्
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शिष्याताम्
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शिष्युः
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शशास
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शशासतुः
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शशासुः
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मध्यमपुरुषः
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शिष्याः
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शिष्यातम्
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शिष्यात
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शशसिथ
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शशसथुः
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शश
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उत्तमपुरुषः
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शिष्याम्
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शिष्याव
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शिष्याम
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शशास,शशस
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शशसिव
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शशसिम
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लुङ्
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लुट्
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प्रथमपुरुषः
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अशिषत्
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अशिषताम्
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अशिषुः
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शासिता
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शासितारौ
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शासितारः
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मध्यमपुरुषः
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अशिषः
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अशिषतम्
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अशिषत
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शासितासि
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शासितास्थः
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शासितास्थ
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उत्तमपुरुषः
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अशिषम्
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आशिषाव
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अशिषाम
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शासितास्मि
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शासितास्वः
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शासितास्मः
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आशीर्लिङ्
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लृङ्
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प्रथमपुरुषः
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शिष्यात्
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शिष्यास्ताम्
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शिष्यासुः
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अशासिष्यत्
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अशासिष्यताम्
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अशासिष्यन्
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मध्यमपुरुषः
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शिष्याः
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शिष्यास्तम्
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शिष्यास्त
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अशासिष्यः
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आशासिष्यतम्
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अशासिष्यत
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उत्तमपुरुषः
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शिष्यासम्
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शिष्यास्व
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शिष्यास्म
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अशासिष्यम्
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अशासिष्याव
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अशासिष्याम
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